Monday 31 December 2018

बच्चे के पक्ष में नास्तिकता

नास्तिकता पर बात करते हुए हिंदू-मुस्लिम की बात क्यों आ जाती है? और यह एकतरफ़ा नहीं है, कथित मुस्लिम कट्टरता पर कोई कुछ कहे तो कुछ लोग संघी घोषित करने लगते हैं, कथित हिंदू रीति-रिवाजों पर कहे तो कुछ दूसरे आरोप और आक्षेप लगने लगते हैं। 

दूसरों के बारे में दूसरे बताएंगे, मैं तो अपने बारे में बता सकता हूं कि मेरी नास्तिकता किसी धर्म के भीतर से नहीं आई। ईश्वर मेरे लिए निहायत अजीब-सी चीज़ है, इसके होने का कोई भी मतलब मेरी समझ में नहीं आता। और मैं देखता हूं कि ईश्वर, धर्म और उससे जुड़ी अनेकानेक धारणाएं और मान्यताएं, कर्मकांड, रीति-रिवाज मेरे जैसे लोगों पर, किसी न किसी रुप में, जबरन थोपे जाते हैं या ऐसी कोशिश की जाती है। मुझे यह कष्टप्रद, अन्यायपूर्ण, अतार्किक और तानाशाहीपूर्ण लगता है। इसीलिए मैं कथित ईश्वर और कथित धर्म के इस रुप का विरोध करता हूं।

मेरे लिए यह अत्यंत आश्चर्य की बात है कि किस तरह एक मासूम बच्चे को दुनिया में ले आया जाता है, बिना उससे कुछ पूछे और बताए, और बाद में उसपर तरह-तरह की चीज़ें थोपने की कोशिश की जाती है, जैसे उसे पैदा करके उसपे अहसान किया गया हो। जबकि उसके पैदा होने में उसके सिवाय बाक़ी सभी संबद्ध लोगों की सहमति होती है, बस उसीकी नहीं होती। मेरी समझ में तो यह आपराधिक कृत्य है और इसके खि़लाफ़ क़ानून बनना चाहिए। 


मेरे लिए यह अत्यंत आश्चर्य की बात है कि किस तरह एक मासूम बच्चे को दुनिया में ले आया जाता है, बिना उससे कुछ पूछे और बताए, और बाद में उसपर तरह-तरह की चीज़ें थोपने की कोशिश की जाती है, जैसे उसे पैदा करके उसपे अहसान किया गया हो। जबकि उसके पैदा होने में उसके सिवाय बाक़ी सभी संबद्ध लोगों की सहमति होती है, बस उसीकी नहीं होती। मेरी समझ में तो यह आपराधिक कृत्य है और इसके खि़लाफ़ क़ानून बनना चाहिए। 

मेरे जैसे कुछ दूसरे लोग भी होंगे, वे भी मेरी तरह परेशान होते होंगे, होते ही हैं, यह बात भी मुझे नास्तिकता के पक्ष में लिखने को प्रेरित करती है। इससे भी आगे, मैं यह मानता हूं कि अगर आप दुनिया में अपनी तरह के बिलकुल अकेले भी हैं और आपको लगता है कि आप तार्किक हैं, सही हैं, तो आपको अपनी बात रखते रहना चाहिए, इसमें मुझे कुछ भी ग़लत नहीं लगता।

अब बताईए, इसमें हिंदू-मुसलमान की बात कहां से आती है!?

आप चाहें तो आप भी नास्तिकता के अपने कारणों के साथ अपनी बात यहां रख सकते हैं।

-संजय ग्रोवर

(फ़ेसबुक, नास्तिक द अथीस्ट)
29 June 2013


1 comment:

  1. Agar ganga nadi mai nahane se saare paap dulte hai toh mai pure jiwan bhar paap karne ko teyar hu or nadi k kinare ghar bana kar rahunga or daily ganga mai hi nahaya karunga. Wanha se hi saare paap karunga or felaaunga.

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