Sunday 25 December 2016

भगवान की पहचान

भगवान आजकल-1
(भगवान के नाम पर आजकल जो भी होता है, का चर्चा)


रात मैंने देखा, पता नहीं सपना था या सच था, एक प्रसिद्ध आदमी से एक लड़की ने कह दिया कि आप मेरे लिए भगवान के समान हो, मेरे भगवान हो.....’

बस वह मेरा दोस्त काफ़ी देर तक भावुक होता रहा, कई कोणों से दिलचस्प मुद्राएं दिखाता रहा।

मैंने सोचा क्या इस मेरे दोस्त को पूरा मालूम है कि भगवान कैसा है, किधर है, क्या काम करता है !? क्या यह बचपन से भगवान बनना चाहता था !? आज इसकी ‘तपस्या’ पूरी हुई, इस लड़की ने घोषित किया कि यही है भगवान, आज से यह भगवान हुआ!

कौन है यह लड़की !? लगता है कई भगवान देख चुकी है, कईयों को भगवान बता चुकी है, भगवान बना चुकी है!

इस लड़की को पूरा आयडिया है कि भगवान कैसा होता है, किधर रहता है, क्या काम करता है। जब भी बताएगी, यही बताएगी, कि यह लो, आ गया तुम्हारा भगवान। भगवान को आज तक ख़ुद पता नहीं था कि मैं भगवान हूं, इस लड़की ने बताया कि तुम भगवान हो, और मेरे भाई ने तुरंत मान भी लिया।

यह तो बड़ी क़ाबिल लड़की है। कल यह किसीको बताएगी कि तुम एमए हो तब उसे पता लगेगा कि मैं एमए हूं। ज़ाहिर ही है कि एमए होना भगवान होने से तो बहुत छोटा ही माना गया है। जब इस लड़की का दिया भगवत्ता का सर्टीफ़िकेट मान्य है तो एमए, बीए क्या बेचते हैं !?

लेकिन फिर मैंने देखा कि वही लड़की भगवान से अपने लिए चांस मांग रही है, अपने बारे में भगवान से पूछ रही है जो काम आप कई सालों से कर रहे हो, मैं उसे शुरु करने लायक हूं या नहीं !? मैं देखता आया हूं कि चांस चाहनेवाले किसीको भी भगवान बता देते हैं। भगवान को पहचानती है तो ख़ुद कहां और क्यों भटक रही है!?

हे भगवान! हे लड़की! हे दोस्तो! पहले आपस में फ़ायनल कर लो कि कौन क्या है फिर मैं भी अपना सपना तोड़कर हक़ीक़त में आ जाऊं।

तब तक कोई गाना सुन लेता हूं।

-संजय ग्रोवर
25-12-2016

No comments:

Post a Comment