व्यंग्य/कविता
भगवान करे कि आपको बीमारी न हो
अगर हो जाए तो भगवान करे कि ठीक हो जाए
भगवान करे कि आपके घर में आटा आ जाए
भगवान करे कि आपके घर में घी आ जाए
भगवान करे कि उसका परांठा बन जाए
भगवान करे कि आपको खाना हज़म हो जाए
अगर न हो तो भगवान करे कि आपको क़ब्ज़ न हो
अगर हो जाए तो भगवान करे कि खुल जाए
भगवान करे कि आज कहीं लूटमार न हो
भगवान करे कि आज कहीं भ्रष्टाचार न हो
भगवान करे कि आज कहीं बलात्कार न हो
क्योंकि भगवान ही तो सब कुछ करता है
हे भगवान फिर हम किसलिए हैं
भगवान करे हम हुआ ही न करें
और जब हम ही न हों तो कौन बीमार होगा और कौन ठीक होगा
किसको ठीक करेगा भगवान किसकी ज़िंदगी से खेलेगा भगवान
फिर भगवान भी क्यों हुआ करे ?
भगवान दरअस्ल है भी कहां ?
मैं भी तो भगवान से ज़रा-सा टाइमपास कर रहा था
-संजय ग्रोवर
25-09-2015
भगवान करे कि आपको बीमारी न हो
अगर हो जाए तो भगवान करे कि ठीक हो जाए
भगवान करे कि आपके घर में आटा आ जाए
भगवान करे कि आपके घर में घी आ जाए
भगवान करे कि उसका परांठा बन जाए
भगवान करे कि आपको खाना हज़म हो जाए
अगर न हो तो भगवान करे कि आपको क़ब्ज़ न हो
अगर हो जाए तो भगवान करे कि खुल जाए
भगवान करे कि आज कहीं लूटमार न हो
भगवान करे कि आज कहीं भ्रष्टाचार न हो
भगवान करे कि आज कहीं बलात्कार न हो
क्योंकि भगवान ही तो सब कुछ करता है
हे भगवान फिर हम किसलिए हैं
भगवान करे हम हुआ ही न करें
और जब हम ही न हों तो कौन बीमार होगा और कौन ठीक होगा
किसको ठीक करेगा भगवान किसकी ज़िंदगी से खेलेगा भगवान
फिर भगवान भी क्यों हुआ करे ?
भगवान दरअस्ल है भी कहां ?
मैं भी तो भगवान से ज़रा-सा टाइमपास कर रहा था
-संजय ग्रोवर
25-09-2015
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