जो लोग भगवान को मानते हुए भी नास्तिकों के खि़लाफ़ हैं, वे भगवान के ही खि़लाफ़ हैं। क्योंकि जिस भगवान की मर्ज़ी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता वो अगर न चाहता तो नास्तिक कैसे हो सकते थे ? और अगर भगवान चाहता है कि नास्तिक पृथ्वी पर हों तो आप क्यों चाहते हैं कि वे न हों? यह तो भगवान के काम में टांग अड़ाना हुआ। आप क्या ख़ुदको भगवान से भी बड़ा मानते हैं जो उसके फ़ैसलों में ग़लतियां ढूंढ रहे हैं? हद हो गई अहंकार की !!
और अगर नास्तिक पृथ्वी पर भगवान की मर्ज़ी के बिना हैं तो साफ़ है कि सब कुछ भगवान की मर्ज़ी से नहीं होता, सब कुछ भगवान के कंट्रोल में नहीं है। भगवान ज़्यादा से ज़्यादा चाइना या अमेरिका के राष्ट्रपति जैसी हैसियत या शक्ति रखता है। क्या आप चाइना या अमेरिका के राष्ट्रपतियों/राष्ट्रप्रमुखों को भगवान मानने को तैयार हैं ? बच्चे भी जानते हैं कि सभी राष्ट्रप्रमुख आदमी ही होते हैं।
ऐसे भगवान का क्या करना जो एक पृथ्वी पर भी ठीक से नियंत्रण नहीं रख सकता!?
-संजय ग्रोवर
01-07-2014
(on facebook)
और अगर नास्तिक पृथ्वी पर भगवान की मर्ज़ी के बिना हैं तो साफ़ है कि सब कुछ भगवान की मर्ज़ी से नहीं होता, सब कुछ भगवान के कंट्रोल में नहीं है। भगवान ज़्यादा से ज़्यादा चाइना या अमेरिका के राष्ट्रपति जैसी हैसियत या शक्ति रखता है। क्या आप चाइना या अमेरिका के राष्ट्रपतियों/राष्ट्रप्रमुखों को भगवान मानने को तैयार हैं ? बच्चे भी जानते हैं कि सभी राष्ट्रप्रमुख आदमी ही होते हैं।
ऐसे भगवान का क्या करना जो एक पृथ्वी पर भी ठीक से नियंत्रण नहीं रख सकता!?
-संजय ग्रोवर
01-07-2014
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bahut badhiya
ReplyDeleteवाह
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